जब मुझे तकलीफ हुई
मैंने पिताजी से अपना दर्द बताया ...
मेरे भाइयों को कुछ हुआ तो
उन्होने भी अपनी बात पिताजी के समक्ष रखी
बहन को किसी चीज की आवश्यकता पड़ी.
उसने भी पिताजी से कहा
मां भी जब बीमार हुई
मां ने भी पिताजी से अपना दुःख बताया ...
पर ....
पिताजी ...
अपना दर्द किसी से ना कह सके !
अपना दर्द किससे कहते ?
अब उनके पिताजी नहीं हैं...
पिताजी के जाने के बाद
सारी जिम्मेदारी
अब उनके ही कंधों पर है,
अब पिताजी अपना दुःख सुनाने
लग जाएंगे तो उनके दुःख से सारा
परिवार दुःखी होगा !
यह सोचकर पिताजी एकदम
मौन होकर संघर्ष की
तपती भट्ठी में तपते रहे
अपने परिवार के लिए ....!!
पिता के लिए क्या लिखूं,
उनकी ही लिखावट हूं मैं... ❤️🫂
मैंने पिताजी से अपना दर्द बताया ...
मेरे भाइयों को कुछ हुआ तो
उन्होने भी अपनी बात पिताजी के समक्ष रखी
बहन को किसी चीज की आवश्यकता पड़ी.
उसने भी पिताजी से कहा
मां भी जब बीमार हुई
मां ने भी पिताजी से अपना दुःख बताया ...
पर ....
पिताजी ...
अपना दर्द किसी से ना कह सके !
अपना दर्द किससे कहते ?
अब उनके पिताजी नहीं हैं...
पिताजी के जाने के बाद
सारी जिम्मेदारी
अब उनके ही कंधों पर है,
अब पिताजी अपना दुःख सुनाने
लग जाएंगे तो उनके दुःख से सारा
परिवार दुःखी होगा !
यह सोचकर पिताजी एकदम
मौन होकर संघर्ष की
तपती भट्ठी में तपते रहे
अपने परिवार के लिए ....!!
पिता के लिए क्या लिखूं,
उनकी ही लिखावट हूं मैं... ❤️🫂
➤⃝🥀🅰ƝӃⵊƬ 𝆺𝅥⃝🍷